शिव जी हीरो बनोॅ हो-07 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
ताल कहरवा
भोला बाबा कब’ लेभ’ तों खबरिया ऐ लोॅछी दुअरिया ना।।
हम्में जनम्है के छी दुखिया, पापी छी आर
तोरा छोड़ी क’ लेते हमरोॅ सुधिया, ऐलोॅछी दुअरिया ना।।
विधि क लेख मेटावै बाला तीनों लोक में तोंही भोला
सुख सें भरी द’ तों हमरोॅ खाली झालिया, ऐलोॅछी दुअरिया ना।।
‘लाल’ के तोंहीं एक सहारा, सभ्भैं करी लेलकै किनारा
शिवजी हरी ल’ तों लालोॅ के विपतिया,, ऐलोॅछी दुअरिया ना।।
राग भैरवी-ताल दादरा
कब’ लेभ’ खबरिया भोला बाबा हो
कब’ सुनभ’ अरजिया भोला बाबा हो।।
आशुतोष हर औढ़र दानी
हरि ल’ विपतिया भोला बाबा।। कबे सुनभ’.।।
अच्छत चन्दन फूल बेलपतिया
सब कुछ चढ़ैभौ भोला बाबा हो।। कब’.।।
धूप दीप नैबेद चढ़ैभौ
आरो देभौ घी के बतिया हो।। कब’ ले भ’.।।
दादरा, कहरवा दोनों
भोला हो भोला दुअरिया तोरोॅ ऐलोॅ छी
सब के आसरा छोड़ी दुअरिया ऐलोॅ छी।।
अच्छत चनन देभौं फूल बेलपतिया शिवजी तोरा चढ़ैभौं ना
लानी गंगा जी सें पनियां भोला तोरा चढ़ैभौं ना।।
धूप देभौं दीप देभौं कापुरोॅ के बेतिया शिवजी तोरा चढ़ैभौं ना।।
भरि भरि थरिया में हे मिठइया भोला तोरा चढ़ैभौं ना।।
आंक धथूरा देभौं भांगोॅ के जी गोलिया भगिया तोरा खिलैभौं ना
पिसी पिसी भांग आरो धथूरा भोला तोरा चढ़ैभौं ना।।
केकरा सें कहबै भोला केकरा सें सुनबै हरतै कौन’ विपतिया ना
भोला तोरा छोड़ी के हमरोॅ हरतै कौन’ विपतिया ना।।
आशुतोष ओढ़र दानी मंगल मुरतिया पूरोॅ मनोॅ बतिया ना।।