शिव जी हीरो बनोॅ हो-20 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
झूमर कहरवा
कमरु कमिखिया सें अइलै रे सौतिनियां से मारी लेलकै ना
हमरोॅ पियवा के मतिया से मारी लेलकै ना
पुरुब बंगलवा सें अइलै बंगलिनियां से मारी लेलकै ना
हमरोॅ पियवा के मतिया से मारी लेलकै ना
वोही रे सौतिनियां के लामी लामी केसिया फंसाइये लेलकै ना
सेहो लामी लामी केसिया फंसाइये लेलकै ना
वोही रे सौतिनियां के रसभरी बोलिया लोभाइये लेलकै ना
सेहो रस भरी बोलिया लोभाइये लेलकै ना
वोही रे सौतिनियां के मद भरी अंखिया मताइये लेलकै ना
सेहो मद भरी अंखिया मताइये लेलकै ना
वोही रे सौतिनियां के चढ़ती जुअनियां बिलमाइये लेलकै ना
सेही चढ़ती जुअनियां बिलमाइये लेलकै ना।।
भैरवी-दादरा
तोरा चूमैछी कान्हा यही लॅ एत्ते शान
चूरी चारी कॅ हम्में तोरोॅ लेबौ परान
जरली पकैली भूरोॅ सें भरली
खाली मिट्ठोॅ बोली पर एतना गुमान
बित्ता भरी बाँसोॅ के सुखली पकैली
केना कॅ तोरा सें निकलै छौ तान
राधा के बात सुनी बोललै कन्हैया
मुरली सें उाह? छिया? ऐमें कि जान?