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शिव जी हीरो बनोॅ हो-21 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'

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झूमर-दादरा

नैहर के छै शीतल बयार ससुररिया नै जइबै हे
भइया भौजी करैछै दुलार ससुररिया नै जइबै हे
बाबा के ऐंगना में तुलसी के चौरा
दीया बाती के बहार ससुररिया नै जइबै हे
सावन में सखि संग बगिया में झुलबै
गइबै कजरिया मल्हार ससुररिया नै जइबै हे
सास ननद मोरी बड़ी रे छै दुस्टी
करतें रहै छै कचार ससुररिया नै जइबै हे
नैहर में बरखा के रिमझिम में मोरवा
नाचै छै पंख पसार ससुररिया नै जइबै हे।।

झूमर-दादरा

बिदेसवा नै जइहोॅ बारे बलमुआ
दोहो रे बिदेसवा में सौतिन रहैछै
बिलमि नै जइहोॅ बारे बलमुआ
वोही रे सौतिनियाँ के लट घुंघराला
उलझि नै जइहोॅ बारे बलमुआ
वोही रे सौतिनियां के रस भरी बोलिया
लोभाय नै जइहोॅ बारे बलमुआ
वोही रे सौतिनियाँ के चढ़ती जवानी
मोहाय नै जइहोॅ बारे बलमुआ
वोही रे सौतिनियां के अंखियाँ शराबी
मताय नै जइहोॅ बारे बलमुआ।।