शिव जी हीरो बनोॅ हो-22 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
झूमर-दादरा
निठुर बलमू कैन्हें राती नै अहल्हॅ
तों केकरा सें बोलोॅ पिरितिया लगैल्हॅ
टीशन पहुंचला पर मिललै नै गड़िया
यही लॅ धनी हे हम्में रातीं नै अइलां
बरखा के रतिया भयानक अंधरिया
यही लॅ धनी हे हम्में राती नै अइलां
चुनरी खरीदैलॅ छेलै ने रुपिया
यही लॅ धनी हे हम्में रातीं नै अइलां
रस्तै में पंचर भेलै जी सैकिलिया
यही लॅ धनी हे हम्में रातीं नै अइलां
बिगड़िहोॅ नै सौंतिन मारलकै जी मतिया
यही लॅ धनी हे हम्में रातीं नै अइलां।।
झूमर-दादरा
बिदेसवा तोंहे नै जइहोॅ हे सैयां
जैहोॅ बिदेसवा तॅ चुनरी लॅ आनिहोॅ
लगाय दीहोॅ गोटवा चुनरी में सैयां
जइहोॅ बिदेसवा तॅ नथिया लॅ आनिहोॅ
लगाय दीहोॅ मोतिया नथिया में सैयां
सब कुछ करिहोॅ जी सब कुछ धरिहोॅ
सौतिनियां कॅ हरगिज नै लानिहोॅ जी सैयां।।