शिव जी हीरो बनोॅ हो-38 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
कजरी
आबी गेलै भादोॅ के रतिया हे सखि जुलमी अंधिरिया।।
छर छर चुऐछै ओसरा के आरियानी
ठेहुनोॅ भर भरलोॅ छै ऐगना में पानी
के सुनतै दुखिया के बतिया हे सखि जुलमी अंधरिया।।
पापी पपिहरा के बोलिया जराय छै
मेघवा के गड़ गड़ सें जियरा डराय छै
धड़ धड़ धड़ धड़ कै छै छतिया हे सखि जुलमी अंधरिया।।
बलमू बेदरदी जे भेलै परदेसिया
भारलोॅ जवानी सखि भॅ गेलै मटिया
मस मस मस मस कै छै अंगिया हे सखि जुलमी अंधरिया।।
कजरी-गौड़ मल्हार
बरसये रिमझिम कारी रे बदरिया
चम चम चम चम कये रे बिजुरिया।।
किसुन कन्हैया मथुरा के बसिया
सावन आबी गेलै अइलै नहिं रसिया।।
धड़ धड़ धड़ धड़ धड़कये छतिया
वितलै अकरारथ दारी रे उमिरिया
कुबजा सौतिनियां सें रसियां संवरिया
मथुरा में सखि हे लगैल कै सनेहिया।।
बिरज के सब गोपियन के निसदिन
रिमझिम रिमझिम बरसये अंखिया।।