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शुभकामनाएँ / महेन्द्र भटनागर

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रक्त-रंजित
इस शती का वर्ष अंतिम
शक्ति-पूजा का
तपस्या-साधना का वर्ष हो !

आगत शती में
जय मनुजता की दनुजता पर
सुनिश्चित हो,
प्रत्येक मुख पर
सिद्धि की उपलब्धि का
अंकित
सरल-सुन्दर हर्ष हो !

मानव-हृदय से
दुष्टता, पशुता, निठुरता दूर हो,
हिंसा-दर्प सारा चूर हो;
दृष्टि में ममता भरी भरपूर हो !

हर व्यक्ति दूषित वृत्तियाँ त्यागे,
परस्पर प्रेम हो
सद्भावना जागे !
हर व्यक्ति को हो प्राप्त
नव-बुद्धत्व
मानस-तीर्थ।
आत्मा का सतत उत्कर्ष हो !
शुभ-कामनाओं से भरा नव वर्ष हो !