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शैतानी रोॅ फोॅल / अमरेन्द्र
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चम्मो-धम्मो दू गो भाय
जखनी नै तखनी अगराय
पढ़ियो वक्ती गाना गाय
नानी माय केॅ खूब सताय
घर के सबटा टप-टप खाय
टोकला पर खाली ठिठियाय
इक दिन ऐलै बड़का बू
सोंटा लै छू मंतर छू
होश दोनों के गुड़ुम-गुड़ुम
खैलकै मुक्का धुड़ुम-धुड़ुम