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शोर करें / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग
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यह जो इन कमरों में चुप्पी है
हर कोना फन उठाये बैठा है
लगता है दीवारें एक दिवस
कस लेंगी अपनी ही बाँहों में
मेरा व्यक्तित्व अभी
मेरा अस्तित्व सभी
आओ मन
इसको कमज़ोर करें!
शोर करें!
वे जो ऐयाशी के झूले में
झूल रहे हैं
सुविधा में फूल रहे हैं
जिनको महसूस नहीं होती
सच्चाइयाँ
रोज़ खोदते हैं जो
जीने को खाइयाँ
उन्हीं सुखी लोगों को
थोड़ा-सा सत्य दिखा
बोर करें!
शोर करें!