भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
श्यामा श्याम रचल हमर मनमे / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
श्यामा श्याम रचल हमर मनमे
केओ कहय मीरा भय गेली बावरी, क्यो कहय कुलनाशी
केओ कहय मीरा रूप-गुण सुन्दरि, केओ कहय श्याम सखी
मातु कहथि मीरा भय गेली बावरी, पिता कहय कुलनाशी
भाई कहय मीरा रूप-गुण सुन्दरि, स्वामी कहय श्याम सखी
हमर मन श्यामहि श्याम रसी, हमर मन श्यामहि श्याम रसी