श्याम प्यारे दिलदार अपनी झलक दिखा दो / बिन्दु जी
श्याम प्यारे दिलदार अपनी झलक दिखा दो।
श्याम प्यारे दिलदार, मुरली वाले दिलदार॥
है दिल में याद तुम्हारी लबों पर चाह भी है।
है दर्द सीने में हसरत भरी निगाह भी है।
ये भरोसा है कि सूरत भी दिखा दोगे।
तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्हीं दवा दोगे।
श्याम प्यारे दिलदार अपनी झलक दिखा दोगे।
बिदुर की भाजी वो भीलनी के फल कबूल गए,
तो आज किसलिए दावत हमारी भूल गए।
न ध्यान दीन पुकारों पै कुछ दिया कान्हा,
बताओ सख्त जिगर कब से कर लिया कान्हा।
श्याम प्यारे दिलदार अपनी झलक दिखा दो।
दही के दूध के वृजग्वालिनी से दान लिए,
सुदामा विप्र को तंदुल पे त्रिलोक दिए।
वो प्यार और सखावत को फिर दिखा जाओ,
ये बात सच है या झूठ जरा बता जाओ।
श्याम प्यारे दिलदार अपनी झलक दिखा दो।
हो संग दिल तो मौस दिल बना ही लेंगे कभी,
न कैसे आओगे बेशक बुला ही लेंगे कभी।
यही वजह है कि दृग ‘बिन्दु’ के फुहारे लिए,
ये धोते रहते हैं आँखों के घर तुम्हारे लिए,
श्याम प्यारे दिलदार अपनी झलक दिखा दो।