भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

श्रीराम विवाह छवि वर्णन / शिवपूजन सहाय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

1.

परम पुनीत पीत धोती द्युति वालरवि दामिनि की ज्योती हरति छवि भूरी है।
कलितललित कल किंकिंणि मनोहर कटिसूतू दीर्घ बाहु मणिभूषण सोँ पूरी है।
पीत उपवीत शुभ यज्ञ व्याह साज कर मुद्रिका विलोकि मार भागि जात दूरी है।
सोहत उरायत महँ भूषण प्रभासमान मंजु नखसिखतेँ सु शोभा अतिरूरी है॥

2.

मुक्तामणि झालर सब अंजल सँवारे चारु पीत काँखासोती सो उपरणा सुभसाजे हैं।
कोमल कमल दल लोचन अमल रूरे कलकान कुण्डल सुलोल छवि छाजे है।
सकल सुदेश सुखमाके उपमा के चारु माधुरी सुभगता नखसिखते विराजे हैं।
भौंह बंक नासा शुकतुंड भालविन्दु चन्द्र केसर तिलक छविधामभल भाजे हैं॥

सवैया:

3.

कुन्तल कुंचित मेचक चिक्कण मौर मनोहर सोहत माँथे।
हंस की दीप्ति हरे अति ज्योति सुमंगलमय मुक्तामणि गाँथे।
मौलि सुदेश की कान्ति महामणि वीच रचे कुसुमावलि साथे।
मंजुल मौर अनूप छटा छकि गे शशि मैनहुं के मद नाथे॥