भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

श्रीहरि की छबि देखिबे को / तोष

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

श्रीहरि की छबि देखिबे को अँखियाँ प्रति रोमहि में करि देतो.
बैनन को सुनिबे हित स्रौन जितै तित सो करती करि हेतो.
मो ढिग छाँड़ी न काम कहूँ रहै तोष कहै लिखितो बिधि एतो.
तौ करतार इति करनी करिकै कलि में कल कीरति लेतो.