भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

श्री मधुसूदनाय नमः / मन्दार-मधुसूदन महिमा / महेश्वर राय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

॥श्री मधुसूदनाय नमः॥

मन्दार-शिखरं दृष्ट्वा, दृष्ट्वा वा मधुसूदनम्।
कामधेन्वा मुखं दृष्ट्वां, पुनर्जन्म न विद्यते॥

वामांगे संस्थिता देवी कमला कमलप्रिया।
दक्षिणे भारती भाति मध्ये श्री मधुसूदनम्॥

समस्त कामदं श्यामं योग-माया समावृतं।
नाना विपत्ति हरणं वन्देऽहं मधुसूदनम्॥