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श्रेय परम मानव-जीवन का / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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पद-रत्नाकर / भाग- 6
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श्रेय परम मानव-जीवनका, प्रभुके पदमें पावन प्रेम।
यही मनुजका परम योग है, यही मनुजका सत्य क्षेम॥