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श्वेत फूल / सुभाष काक
Kavita Kosh से
बचपन के आँगन के
श्वेत फूल
मैं भूल गया,
जब से गाँव छोड़ा
वैसे पौधे नहीं देखे।
प्रातः कल
अमेरिका की एक नई बस्ती में
जहाँ मैं खो गया था
गाड़ी की खिड़की से
मैंने वैसे ही
श्वेत फूल
एक घर के पास पाए
एक लड़का उस उद्यान में
खेल रहा था।
जैसे स्वप्न में
डूबा हो।