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संकेत / किरण मल्होत्रा

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प्रथम परिचय
और फिर
ख़यालों के चरखे पर
स्वप्नों की रूई कातना
बडी आम-सी
बात है

हर एक को
दूसरे व्यक्तित्व से
रंग-बिरंगी उम्मीदें होना
नहीं तो कोई
नई बात है

संकेत है केवल
मन जुडने को आतुर
हर दिशा में
गतिमान है