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संचय / अजित कुमार

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अध्यापक ने कहा था-
दोहराओ बार-बार यह पंक्ति :
’शी सेल्स सी-शेल्स आन द सी शोर’
(वो बेच रही है सागर-तट पर सागर-सीपी)

उच्चारण तो साध नहीं पाया
मैं अभी तक,
अर्थ-ग्रहण हो तो हो :
संचित हैं मेरे पास
झर झर झर
सीपियों से झरते हुए
मोती ।