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संजय बोललात / लक्ष्मण सिंह चौहान

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संजय बोललात-
घिरलोॅ तेॅ आवै राजा पाण्डव के सेनमा हो
आँधियो तुफान शरमावै हो साँवलिया ।
एक ओर कारे-कारे बदरा हुमरै रामा
तड़का तड़कैक् भय लागै हो साँवलिया ।
तोहरोॅ निडर पूत उनमत जोधवा हो
सीना तानी घुमी-घुमी ताकै हो सँवलिया ।
लामी-लामी डेग हानै, सेनमा निरखै रामा
मोछबा पेॅ हाथ फेरी चलै हो साँवलिया ।