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संदेश / अमरेन्द्र
Kavita Kosh से
सुन रे लेलभा, सुन-सुन-सुन
नै पढ़ले, तेॅ माथोॅ धुन ।
जे-जे इस्कूली मेॅ गेलै
आय वही सब पंडित भेलै
कभियो धरलैं पेन्सिल-खल्ली
धरलैं, तेॅ बस धरलै गुल्ली
खाय लेॅ खाली खुन-खुन-खुन
सुन रे लेलभा, सुन-सुन-सुन ।
पढ़ी-लिखी सब बाबू भेलै
हिन्दी-अंगरेजी में बोलै
कोय एस0 डी0 ओ0, कोय प्रोफेसर
कोय कलेक्टर, कोय इन्सपेक्टर
तोहें खाली पन्नी चुन
सुन रे लेलभा, सुन-सुन-सुन ।