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संदेश / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
सूनी घाटी में एक धीमी-सी आवाज गूंज गई थी
फैली हवाओं में चंदन की खुशबू बिखर गई थी
तुम्हारे आने की खबर जो दे दी गई थी
खाली फ्रेम में एक तस्वीर जड़ गई थी
शान्त झील में जो एक कंकड़ी गिर गई ।