Last modified on 21 जनवरी 2021, at 12:44

संध्या प्रार्थना / लुईज़ा ग्लुक / झरना मालवीय

अपनी लम्बी अनुपस्थिति में, तुम इजाज़त देते हो मुझे
धरती के उपयोग की; तुम्हें उम्मीद है इस निवेश से
कुछ प्रतिलाभ की । मुझे सूचित कर देना चाहिए तुम्हें
दिए गए इस कार्य में असफलता अपनी, विशेषकर
जो टमाटर की खेती में हुई ।

मुझे लगता है, टमाटर उगाने के लिए
नहीं किया जाना चाहिए प्रोत्साहित मुझे । या फिर,
अगर किया जाए, तो रोकना चाहिए तुम्हें
तेज़ बारिश को, सर्द रातों को,
जो हुआ करती हैं यहां अक्सर ही,
जबकि मिलती है इलाक़ों को बाक़ी
बारह हफ़्ते धूप गर्मियों की। इन सब पर
स्वामित्व है तुम्हारा : लेकिन, दूसरी तरफ़, बीज मैंने डाले, ज़मीन फोड़कर
पंख खोलते पहले अंकुरों को मैंने निहारा, और वह हृदय भी मेरा ही था
जो उनमें रोग लगने से टूट गया; काले धब्बे कितनी तेज़ी से
फैलते गए क़तार में । मुझे संदेह है
कि कोई हृदय भी है तुममें; इस शब्द से जो कुछ भी समझते हैं हम।
तुम, जो कोई भेद नहीं करते मृत और जीवित में,
तुम, जो इस वजह से बने रहते हो अप्रभावित व पहुँच से परे, तुम्हें क्या पता
कितना भय और त्रास है हमारे भीतर, पत्ती में धब्बे का उभर आना,
मेपल के पेड़ की रुग्ण लाल पत्तियों का शाम के झुटपुटे में झरते जाना,
अगस्त की शुरुआत में ही : इन पौधों के लिए
मैं ज़िम्मेदार हूँ ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : झरना मालवीय