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संध्या : दो चित्र / रमेश रंजक

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1.
पास की गोरी पहाड़ी के
समय ने
डाल दी
बेड़ी

झील, झरने का हुआ,
पानी गुलाबी
छिल गई
एड़ी ।

2.
एक नए नाटक का
दे कर प्रोग्राम
आदमक़द शीशे में
सिमट गई शाम ।