भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

संवेदना की सीमेंट / रंजना जायसवाल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

घर की छत
सुकून नहीं दे रही
बाहर कोई छत ही नहीं
जीने के लिए चाहिए मगर
एक छत
संवेदना की सीमेंट से बनी