संशय भरा जिनमें रहा उनके हृदय पाहन हुए
हमने लुटाया प्यार, हमको ज्योति के दर्शन हुए।
मत आप हमको ये बताएं क्या ग़लत है क्या सही
सबको पता है किस लिए बेमेल गठबंधन हुए।
अब मनु कहां जो कर तपस्या फिर बुला दें राम को
हर देश लंका बन गया इतने प्रकट रावण हुए।
होने लगा रोगी मनुज घटने लगा उल्लास है
जबसे उपेक्षित प्राकृतिक संयम नियम आसन हुए।
आजीविका के वास्ते झूठा हलफनामा लगा
देखा कई परिवार ऊँची जाति के हरिजन हुए।
सबको पता ख़ूबी कहां विष से भरी इस देह की
जो जो लिपटने से न हिचके वृक्ष सब चंदन हुए।
कोशिश करो पीढ़ी नई सच जान ले 'विश्वास' जो
इतिहास में भूगोल में आलोच्य परिवर्तन हुए।