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संस्कार / गुरेश मोहन घोष

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सीता के रक्षा लैली आपनोॅ पुछड़ी में-
आगिन लगाय केॅ।
सोन्हौं के लंका केॅ जराया देना-
हमरोॅ संस्कार छै।