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सखिया साजि-साजि आरती उतारे लगली ना / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सखिया साजि-साजि आरती उतारे लगली ना
आहे दस सखि मंगली गाबे लगली ना
सोनाक थारी मे गंगाजल पानी
रघुवर के चरण पखारे लगली ना
सोनाक थारी मे मेवा-मिठाई
रघुवर के भोग लगाबे लगली ना
सोनाक सिंहासनमे रत्न जरतु हैं
रघुवर के आरती उतारे लगली ना