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सखि रे, काया सिरिजे जब हो दिनरात / भोजपुरी

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सखि रे, काया सिरिजे जब हो दिनरात, आहो सखि कइसे,
हाँ रे, कइसे के पइबों अब हो दिनरात, हाँ रे, आहो सखि कइसे।।१।।
हे सखि रे, पाँच त सखिनी आ री हे, हाँ रे पनिया के हो जाय,
आहो सखि, भरेली गगरिया आहो सखि केहो ढरकाय।।२।।
हे सखि रे, पाँच त सखिनिया आ री, आरे सखि गइली बाजार,
आहे सखि, जोरली सनेहिया, आहे सखि, केहो विछुराय।।३।।आहो सखि।।0।।