सगती करै सहाय / मानसिंह राठौड़
जसोल मिंदर जोर को,मोत्यों वाळी माय ।
परतख राखै प्रीतड़ी,सगती करै सहाय ।।1।।
देस विदेस रा जातरु, आवै शरणों माय।
आशा पूरै अंबिका, सगती करै सहाय ।।2।।
हैले तू हाजर खड़ी,अरदास सुण'र आय ।
भगतां री रख लाजड़ी,सगती करै सहाय।।3।।
पीहर जोगीदा गांव में,सगळां लोग सराय।
जसोल थारों सासरो,सगती करै सहाय ।।4।।
सावण पहली तीज रा,हींडा हींडण जाय।
कुबद'ज कमाई देवड़ी ,सगती करै सहाय।।5।।
कुंवर सूतो पालणे,जेहर दियो पिलाय।
पल में प्राण'ज ऊसरे,सगती करै सहाय।।6।।
पुत्रवियोग'ज कारणे,सुरगां आप सिधाय।
ममताळी तू मावड़ी,सगती करै सहाय ।।7।।
ढोली आयो माँगणे, देवो सीख दिराय।
मेले मसाणां मांयने,सगती करै सहाय।।8।।
ढोली करै माँगणो, ऊभो मशाणो माय।
चुनड़ी देवे सीख में,सगती करै सहाय।।9।।
थान जसोल थपीजियो, म्हेर करै महमाय।
सांप्रत राखै सांतरा, सगती करै सहाय।।10।।
मान तणी है वीणती,लेवो आप सुणाय ।
दुक्ख दाळद दूर हरो,सगती करो सहाय ।।11।।