भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सच्चा प्यार / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
Kavita Kosh से
प्यार क्या है ?
दो जिस्मों का मिलना ?
या दो रूहों का मिलना?
जिस्म ज़रूरत है
भूख है या कहूँ,
एक आदत है;
बिल्कुल वैसे ही,
कि प्यास लगी;
और पानी पी लिया।
भूख लगी तो,
खाना खा लिया।
यही ज़रूरत है,
जिस्म !!
रूह आदत नहीं है;
भूख नहीं है;
प्यास नहीं है;
यहाँ तक की,
ज़रूरत भी नहीं।
रूह, पाक-मुहब्बत का घर है,
इक ठहराव है !!
जिसमें पलतें हैं;
दो-दिल-एक-जान;
जिसमें पलती है;
सच्ची मुहब्बत;
सच्चा इश्क़;
सच्चा प्यार !