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सच्ची चौकीदारी / दीनदयाल शर्मा

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मेरा प्यारा कुत्ता कालू ।
बालों से लगता है भालू ।।

प्यार करे तो पूँछ हिलाए ।
पैरों में लमलेट हो जाए ।।

दिन में सोता रहता हरदम ।
पूरी रात न लेता है दम ।।

खड़के से चौकस हो जाए ।
इधर-उधर नजरें दौड़ाए ।।

चोरों पर यह पड़ता भारी ।
सच्ची सजग है चौकीदारी ।।