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सच का सपना / शीन काफ़ निज़ाम
Kavita Kosh से
आँखों की शाख़ों से
ख़्वाब के ख़ोशे<ref>गुच्छे</ref> चुनती
तुम
सपने का सच हो या
सच का सपना
शब्दार्थ
<references/>