भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सच या सजा / वत्सला पाण्डे
Kavita Kosh से
सब कुछ
गढ़ने के बाद
रह जाता
कुछ अनगढ़
कहां थी पूर्णता
रह जाता है
अपूर्ण
यह अधूरापन
सच है
या तुमसे
विलग होने की
सजा है