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सच / शशि सहगल
Kavita Kosh से
सभ्यता और विज्ञान की दौड़ में
बहुत आगे
बढ़ गया है आदमी, माना
लेकिन
मैथुनरत क्रौंच-युगल को
मौत की नोक पर
अलगाने वाली ईर्ष्या का अंश
अभी भी वैसे ही शेष है।