सजधज आयी आ रात छिनाळ
म्हैं जाणू ईं री जात छिनाळ
रात भर सागै राखै भोर में
सूरज रै मारै लात छिनाळ
बळती बाजै का मुधरी पून
आ करै नित नुंवी घात छिनाळ
मुळकै-बतळावै पड़दो करै
इण री तो है हर बात छिनाळ
भरी पंचायत इत्तो कह उठी
कूड़ा है फेरा सात छिनाळ