बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सजनन सें मिलन भए आज हितुअन सें मिलन भए आज।
तुम तो सजन मोरे भाग भगौरे
तुमसें सजना मेरे मिलन भए आज।
तुमरी चुनरी समधिन एक टका की।
सो मेरो सेला रे परगने का मोल।
सजनन से मिलन भए...
तुमरो लहँगा समधिन एक टका कौ
सो मोरी धोती रे परगने को मोल।