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सड़कों, चौराहों पर मौत और लाशें-4 / पाब्लो नेरूदा
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यह ख़ून
सबकी आँखों के सामने
खुली सड़कों पर किया गया था
नहीं किसी जंगल या बियाबान में नहीं
वह निर्दोष रक्त यहीं गिरा था
समतल, अवाक, प्यासी, फटी हुई
यह रेतीली ज़मीन भी
उसे सोख नहीं पाई
किसी ने कोशिश भी नहीं की
उस घटना को छुपाने की
यह ख़ून खुलेआम
इस देश की छाती पर
चढ़कर किया गया था
अंग्रेज़ी से अनुवाद : राम कृष्ण पाण्डेय