Last modified on 1 अप्रैल 2011, at 10:15

सड़क-2 / श्याम बिहारी श्यामल

फँसे हुए हैं
हम लोग सारे
पूरे वज़ूद के साथ

बिछा हुआ है
हमारी बस्ती में
ज़िन्दा-ज़हरीला
घना सर्प-जाल !