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सत्तावन / प्रमोद कुमार शर्मा
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जनम देवै जद सबद नैं
स्रिस्टि रो घणो जी-दो'रो हुवै।
पण बठै किस्यो होस्पिटल है
बठै तो जंगळ या नो'रो हुवै
ढांढा बिचाळै गीत गावै भाखा
जद जाय'र कोई छोरी
-कै छोरो हुवै।
स्रिस्टि रो घणो जी-दो'रो हुवै।