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सत्यवान पति मेरा जीओ चाहे मरो / मेहर सिंह

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वार्ता- जब नारद जी को इस बात का पता चलता है कि सावित्री ने सत्यवान को अपनी जोड़ी का वर मान लिया है। सत्यवान शालिन देश के राजा दुमतसेन का लड़का था तो नारद जी सावित्री को कहते हैं कि वह तो थोड़े ही दिन में मर जाएगा। तूने ऐसे लड़के को क्यों वर लिया तो सावित्री कहती है कि मैंने तो सत्यवान को वर लिया है और क्या कहती है-

मरे सिर पै झूठा मन्दा पाप क्यों धरो
सत्यवान पति मेरा जीओ चाहे मरो।टेक

बेशक मरो जगत है मरता
मनै कहे बिना ना सरता
जो ईश्वर का भजन ना करता वो डुबो चाहे तिरो।

एकबै हो कन्या का दान
दान की एक जुबान
मेरा पति सत्यवान, ज्यादा दुःखी ना करो।

पहले मन में विचार उठता
फिर बाणी का भ्रम फूटता
ये पर्वत एक ही बार टूटता, चाहे नीचे जा गिरो।

ये छंद मेहर सिंह ने धर लिया
मन में संक्ल्प कर लिया
पति एक बार लिया चाहे कोई लाख भी बरो।