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सत्य कौन है, भूल कौन है? / कन्हैया लाल सेठिया

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फूल विहँसता, शूल मौन है ।
एक डाल के दोनों साथी
दोनों को ही हवा झुलाती
फूल झरेगा, शूल रहेगा, सत्य कौन है, भूल कौन है ?
लहर नाचता, कूल मौन है ।
एक पन्थ के दोनों साथी
दोनों को किरणें नहलाती
लहर मिटेगी, कूल रहेगा, सत्य कौन है, भूल कौन है ?
चरना बोलता, धूल मौन है ।
युग-युग के दोनों हैं साथी
दोनों पर ही नभ की छाती
चरण रुकेगा, धूल चलेगी, सत्य कौन है, भूल कौन है ?