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सदा कामना मेरी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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सदा कामना मेरी-
कुछ अच्छा करने की
सबका दुख हरने की ।
हर फूल खिलाने की
हर शूल हटाने की ।
सदा कामना मेरी -
हरियाली ले आऊँ
खुशहाली दे पाऊँ ।
नेह नीर बरसाऊँ
धरती को सरसाऊँ ।
सदा कामना मेरी-
मैं सबकी पीर हरूँ
आँधी में धीर धरूँ ।
पापों से सदा डरूँ
जीवन में नया करूँ ।
सदा कामना मेरी-
नन्हीं पौध लगाऊँ
सींच-सींच हरसाऊँ ।
अनजाने आँगन को
उपवन–सा महकाऊँ ।
सदा कामना मेरी-
हर मुखड़ा दमक उठे
आँखें सब चमक उठें ।
अधर सभी मुसकएँ
मीठे गीत सुनाएँ ।