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सदा श्याम-श्यामा पुकारा करेंगे / बिन्दु जी
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सदा श्याम-श्यामा पुकारा करेंगे।
नवल रूप निशि दिन निहारा करेंगे।
यमुना तट लता कुञ्ज ब्रज बीथियों में,
विचर कर ये जीवन गुजारा करेंगे।
मिलेगी जो रसिया की जूठन प्रसादी,
वही जीविका का सहारा करेंगे।
बसेंगे करीलों में काँटों में हरदम,
जरात कंटकों से किनारा करेंगे।
जो दृग ‘बिन्दु’ से पाँव धोया करेंगे,
तो पलकों से पथ को बुहारा करेंगे।