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सदियों से शोषित-प्रताड़ित दलित जन / लक्ष्मी नारायण सुधाकर
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सदियों से शोषित-प्रताड़ित दलित जन
दासता की बेड़ियों में बँधे बिलखाते थे
अस्पृश्य-अन्त्यज्य-अधर्म, धर्म-शास्त्र कहें
अधिकार-वंचित से विवश अकुलाते थे
विद्या से विहीन धनहीन दीन पंगु बने
पशुओं के तुल्य द्विज उनको सताते थे
'सुधाकर' आम्बेडकर बाबा ने जगाया उन्हें
स्वाभिमान जगा छुटकारा दिलवाते थे!