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सन्नाटा / रजत कृष्ण

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भारी होता है सन्नाटा वह
जो फ़सल कटने के बाद
खेतों में पसरा करता ।

सन्नाटा वह भारी होता
उससे भी ज़्यादा
बेटी की विदाई के बाद
बाप के सीने में
जो उतरता है ।

कम भारी नहीं होता
उत्सव के बाद का सन्नाटा

यों सबसे भयावह होता
सन्नाटा वह
जो उस माँ के सीने में
हर साँझ सचरा करता
जिसके दोनों के दोनों बच्चे
भरी दीवाली में भी
घर से दूर होते ।।