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सपने जन्मे / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
आँखों में
सपने जन्मे तो
रंग कुछ और थे
सारी उम्र
एक ही पानी में
भीगते - भीगते
पानी का रंग
दूधिया हो गया
और सपनों का
रंग पानी