किसी और शहर में
एक रोज़ रात ढाई बजे
माँ ने
एक अजनबी स्त्री के वेश में आकर
गंजे होते अपने अधेड़ बेटे को
सपने में जगाया
’भूखी हूँ’ यह
पूरे तीस बरस बाद बताया
किसी और शहर में
एक रोज़ रात ढाई बजे
माँ ने
एक अजनबी स्त्री के वेश में आकर
गंजे होते अपने अधेड़ बेटे को
सपने में जगाया
’भूखी हूँ’ यह
पूरे तीस बरस बाद बताया