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सपनों को… / लैंग्स्टन ह्यूज़
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सपनों को कसकर पकड़ रखो
क्योंकि अगर सपने मर गए
तो जीवन है टूटे परों वाली एक चिड़िया
जो उड़ नहीं सकती
सपनों को कसकर पकड़ रखो
क्योंकि सपनों के बग़ैर
जीवन है एक बंजर खेत
बर्फ़ से ढँका हुआ।
मूल अंग्रेज़ी से अनुवाद : राम कृष्ण पाण्डेय