सबके लिए / डोरिस कारेवा / अनिल जनविजय
उन सबके लिए
जो भटक चुके हैं समुद्र में,
उन सबके लिए
जिन्होंने अपने दिन यूँ ही छलकाएँ हैं,
आज रात मैं प्रार्थना करती हूँ
मोमबत्तियों की मन्द होती रोशनी में,
थके हुए दिल से
अपने पूरे दर्द और ताक़त के साथ
मैं प्रार्थना करती हूँ ।
आओ !
भिखमंगो ! मवालियो ! और अपंगो !
आवारा ! घुम्मकड़ो ! और वेश्याओ !
हस्तरेखा विशेषज्ञों ! पाजियो ! बदमाशो !
नीचो ! झूठो ! दल्लो ! भड़ुओ ! कमीनो !
पियक्कड़ो ! फ़िजूलखर्चो ! आलसियो !
उठाईगीरो ! कामचोरो ! लम्पटो ! लफ़ंगो !
तुम सब डरे हुए हो, भूखे हो, ठिठुर रहे हो ठण्ड से
तुम्हारा बाप कौन है, यह भी पता नहीं है
इसलिए तुम्हें नीचे ढकेला दुनिया ने
लम्बे समय तक नाउम्मीद रहने के बाद
तुम भूल चुके हो जीवन का मतलब
आज रात तुम्हें मिलेगा
आराम करने के लिए सबसे नरम बिस्तर ।
तुम्हारे लिए आज मैं मेज़ पर सजाऊँगी
बढ़िया शराबों से और स्वादिष्ट पकवानों से
आओ !
मैं तुम्हें पहचानती हूँ
तुम्हारा ख़ून कुछ-कुछ मेरे भीतर भी दौड़ता है ...
सिर्फ़ एक आदमी के लिए
आज कपाट चुपचाप गिर जाएँगे
हे दुखिया ! मेरे लिए अजनबी हो तुम !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
और लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Doris Kareva
For all
For all
who have gone astray at sea,
for all
who have spilled the day,
I pray tonight
in the fading light of the candles,
from a tiring heart's
last pain and power I pray.
Come,
tramps, crooks and cripples,
vagabonds and courtesans,
chiromancers and pimps,
loafers, liars, junkies,
bums, boozers and prodigals;
you, the frightened, the hungry, the cold,
you, who were born unfathered,
you, turned down by the world,
you, who've been lost and despaired for so long —
you'll get the softest beds for rest
tonight.
For you I will set the table,
fine wines and delicious dishes —
come.
I shall recognize you,
there must be some of your blood in mine...
Only for one, the gate will fall silent.
Sadist, you are a stranger to me.
Translated by Doris Kareva and Andres Aule