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सबको प्यारे ऐसे लोग / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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इधर-उधर न व्यर्थ भटकना,
चलना, सही रास्ते चलना।

अपना सुंदर लक्ष्य बनाना,
आगे क़दम बढ़ाते जाना।

लेकर मन में दृढ, विश्वास,
बढे चलो मंज़िल के पास।

पग-पग में अवरोध मिलेंगे,
अपने लोग विरोध करेंगे।

रोपेंगे कांटे रस्ते में,
नाग मिलेंगे गुलदस्तों में।

पर इच्छा शक्ति के आगे,
सारे भूत छिटककर भागे।

बाल न बांका कोई कर पाए,
बिना डरे जो बढ़ता जाये।

सुविचार जो रखता मन में,
नई ऊर्जा आती तन में।

काम सदा वह अच्छे करता,
पीड़ाएँ गैरों की हरता।

जग में न्यारे ऐसे लोग,
सबको प्यारे ऐसे लोग।