सबसे अहम बात यह है
कि हमारे पैर नहीं हैं
घिसे हुए जूते ।
हमारे लोग नहीं हैं
अंगोरा खरगोश।
हम ऐसे आतुर चक्के नहीं हैं
जिन्हें एक खड़-खड़ करती
ज़ंग लगी चेन भी
घुमा सके
अपनी मर्जी के मुताबिक ।
सबसे अहम बात यह है
कि हमारे पैर नहीं हैं
घिसे हुए जूते ।
हमारे लोग नहीं हैं
अंगोरा खरगोश।
हम ऐसे आतुर चक्के नहीं हैं
जिन्हें एक खड़-खड़ करती
ज़ंग लगी चेन भी
घुमा सके
अपनी मर्जी के मुताबिक ।